नफरत की ज्वाला में जलती है दिल की बातें
इसीमे प्रकट होते हैं पीड़ाओं के समुद्र। आत्मा की बातें धूमिल हो जाती हैं, जबकि इस धरती के संघर्षों का चक्र बिना रुके. इसलिए कि उन्माद
इसीमे प्रकट होते हैं पीड़ाओं के समुद्र। आत्मा की बातें धूमिल हो जाती हैं, जबकि इस धरती के संघर्षों का चक्र बिना रुके. इसलिए कि उन्माद
ज़िन्दगी एक सागर है जहाँ खुशी और दुःख दोनों ही साथ चलते हैं। कुछ लोग तो जीवन में अपनी मंजिल तक पहुँचने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन